विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट,pradushan par nibandh
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट

हाल ही में जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2019 के अनुसार विश्व में सूक्ष्म प्रदुषण के उच्चतम का सामना कर रहे 200 शहरों में से लगभग 90% शहर चीन और भारत के हैं। बाकी शहर पाकिस्तान तथा इंडोनेशिया में है। सबसे ज्यादा प्रदुषित देशों में से सभी देश  एशियाई हैं। इसमें भारत का 5 वां स्थान है। विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार आबादी के हिसाब से बांग्लादेश पीएम 2.5 प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। उसके बाद पाकिस्तान, मंगोलिया, अफगानिस्तान, और भारत का स्थान आता है। इस रिपोर्ट के अनुसार चीन 11 वें स्थान पर है।
विश्व जल गुणवत्ता रिपोर्ट, prdushan par nibandh
विश्व जल गुणवत्ता रिपोर्ट

दुनिया के सबसे प्रदुषित टॉप - 10 देश इस प्रकार है।

1. बांग्लादेश
2. पाकिस्तान
3. मंगोलिया
4. अफगानिस्तान
5. भारत
6. इंडोनेशिया
7. बहरीन
8. नेपाल
9. उज्बेगिस्तान
10. इराक

प्रदूषण के बारे में कुछ स्पेशल जानकारियां।

हमारे देश में प्रदूषण की समस्या घटने के बजाय और बढ़ती जा रही है। जिसके चलते हमारा पर्यावरण प्रदुषित होता जा रहा है।
अगर पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा तो मनुष्य का जीवन भी संकट में पड़ जाएगा। आजकल मनुष्य कई बीमारियों से जूझ रहा है। हमारे पर्यावरण का सुद्ध नहीं होना भी कई बीमारियों का कारण है। यही कारण है की आज ओजोन परत में  छिद्र हो रहा है।
जो मानव के लिए एक संकट का बहुत बड़ा खतरा है।

हम जानते है कि ओजोन परत कई हानिकारक किरणें को धरती तक आने से रोकता है अगर ये ओजोन परत आसमान से आने वाली हानिकारक किरणों तब्दील करना, रोकना छोड़ दे तो जरा
सोचिए ये किरणें धरती तक आकर हमारे पर्यावरण तथा मनुष्य को कितनी बड़ी छती पहुचायेगा। पृथ्वी पर जीवन का खात्मा हो जाएगा। अगर सरकार प्रदूषण रोकने के लिए जो कदम उठाती है उसको हमें स्वीकार करना चाहिए तथा जीतना संभव हो सके हमारे पर्यावरण को प्रदुषण्युक्त होने से बचाना चाहिए।
विश्व जल गुणवत्ता रिपोर्ट,jal prdushan par nibandh
jal prdushan 

आज लोग ज्यादा से ज्यादा पॉलिथीन का उपयोग कर रहे हैं । नदियों में कूड़ा कचड़ा फेंक रहे हैं। चिमनियों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा किया जा रहा है साथ ही साथ ध्वनि प्रदूषण को लोग धड़ले से फैला रहे हैं। हमारे भारत का गंगा नदी शहरों से काफी ज्यादा प्रदुषित हुआ है । कानपुर एक मात्र ऐसा शहर है जहां चमड़े के कई बड़ी बड़ी कारखाने है जहां लोग कारखानों  से बचे अवशिष्ट कूड़ा कचड़ा लोग गंगा नदी में डाल देते हैं जिससे हमारा जल का प्रदूषण बढ़ जाता है, इसपे हमें और हमारे सरकार को विषेश रूप से ध्यान देना चाहिए।

सरकार चाहे कितनी भी प्रदूषण के लिए विभिन्न कार्यों पर रोक लगा दे लेकिन हमसब फिर भी उसका पालन अच्छे से नहीं करते है। फिर भी हमें

जल प्रदूषण
वायु प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण
etc  समस्याएं देखने को मिल जाता है। भारत में जल प्रदूषण के कारण हर साल  लगभग 15 हजार बच्चें 5 से 6 साल की उम्र में ही बीमारियों के चपेट में आ जाते है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए तथा हर संभव प्रदूषण पर नियंत्रण रखना चाहिए।